एक पैन नंबर से कई डीमैट खाते रखने वाले निवेशकों की संख्या में 504 गुना की बढ़ोतरी

Demat Account News : सेबी के अध्ययन के अनुसार, 2016-17 से अब तक एक पैन के साथ कई डीमैट खाते रखने वाले लोगों की संख्या में 504 गुना वृद्धि हुई है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा जारी एक अध्ययन के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2017 में 61.8 लाख यूनिक पैन के साथ दो या दो से अधिक डीमैट खाते जुड़े हुए थे। यह संख्या वित्तीय वर्ष 2024 तक बढ़कर 3.73 करोड़ हो गई है। इसी अवधि में कुल डीमैट खातों की संख्या में 444% की वृद्धि हुई है, जो अब 15.1 करोड़ तक पहुंच गई है।
एक पैन के साथ तीन या अधिक डीमैट खाते रखने वालों की संख्या में 10 गुना वृद्धि
सेबी के अध्ययन में यह भी पाया गया कि एक पैन के साथ तीन या अधिक डीमैट खाते रखने वाले लोगों की संख्या वित्तीय वर्ष 2024 में बढ़कर 79 लाख हो गई है। यह संख्या वित्तीय वर्ष 2017 के 7 लाख के आंकड़े की तुलना में 10 गुना अधिक है। इसी तरह, एक पैन के साथ तीन डीमैट खाते रखने वाले लोगों की संख्या में 6.9 गुना वृद्धि हुई है, जबकि दो खाते रखने वालों की संख्या में 4.9 गुना का इजाफा हुआ है।
यूनिक डीमैट खातों की हिस्सेदारी में गिरावट
अध्ययन के अनुसार, कुल डीमैट खातों में यूनिक इंडिविजुअल डीमैट खातों की हिस्सेदारी वित्तीय वर्ष 2024 में घटकर 59.2% रह गई है, जबकि वित्तीय वर्ष 2017 में यह 79.9% थी। मार्च 2024 तक व्यक्तिगत डीमैट खाताधारकों में से केवल 59.4% पैन-आधारित यूनिक खाते थे।
निवेशकों की बढ़ती संख्या और पोर्टफोलियो प्रबंधन
निवेश सलाहकार जयंत विद्वांस के अनुसार, कई निवेशक अलग-अलग पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (PMS) का लाभ उठाने के लिए कई डीमैट खाते खोलते हैं। PMS उद्योग में प्रत्येक निवेश के लिए अलग डीमैट खाता खोलने की आवश्यकता होती है। सेबी के आंकड़ों के मुताबिक, PMS क्लाइंट्स की संख्या मार्च 2017 में 70,994 थी, जो नवंबर 2024 तक बढ़कर 1,81,384 हो गई।
विद्वांस ने यह भी कहा कि परिवार के सदस्यों के लिए अलग-अलग खाते खोलने से उत्तराधिकार संबंधी प्रक्रियाओं में सुविधा होती है।
अध्ययन का महत्व
“ग्रोथ ऑफ इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स इन इंडियन सिक्योरिटीज मार्केट” शीर्षक वाले इस अध्ययन के लेखक कल्याणी एच, शाइनी सुनील और प्रभाष कुमार रथ हैं। अध्ययन में यह बात सामने आई कि कुल डीमैट खातों की वृद्धि दर यूनिक इंडिविजुअल डीमैट खातों की तुलना में कहीं अधिक है, जो इस बात का संकेत देता है कि एक ही पैन के साथ कई डीमैट खाते जुड़े हुए हैं।
भविष्य के आंकड़े
आर्थिक समीक्षा 2024-25 के अनुसार, मार्च 2024 तक यूनिक इंडिविजुअल इन्वेस्टर खातों की संख्या 8.96 करोड़ थी, जो दिसंबर 2024 तक बढ़कर 11.5 करोड़ हो गई। यह आंकड़े भारतीय प्रतिभूति बाजार में निवेशकों की बढ़ती रुचि को दर्शाते हैं।