Budget 2024: IRCTC, IRFC, RVNL से Ircon तक, जानिए क्यों आसमान छू रहे हैं रेलवे के शेयर?
Budget 2024: रेलवे शेयरों में लंबे समय से तेजी चल रही है, लेकिन ऐसा लगता है कि इनमें अभी और भी तेजी की संभावना है। शुक्रवार सुबह के शुरुआती सौदों के दौरान भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC), रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL), भारतीय रेलवे वित्त निगम (IRFC) और इरकॉन इंटरनेशनल के शेयरों ने एक नए लाइफटाइम या 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर को छुआ।
आईआरसीटीसी के शेयर की कीमत आज एनएसई पर 958.30 रुपये के नए 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। जबकि, आरवीएनएल के शेयर की कीमत 207 रुपये प्रति शेयर के नए उच्चतम स्तर पर और आईआरएफसी के शेयर की कीमत 114 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। वहीं, इरकॉन का शेयर मूल्य आज एनएसई पर 114 रुपये के नए शिखर पर पहुंच गया।
Budget 2024 में Infra Sector पर होगा फोकस
शेयर बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, आगामी बजट 2024 में बिजनेस डायवर्सिफिकेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर फोकस किया जाएगा। भारत सरकार द्वारा रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए नए निवेश की घोषणा और इन कंपनियों द्वारा अपेक्षित मजबूत तिमाही परिणाम इन रेलवे शेयरों में हालिया में तेजी के प्रमुख कारणों में से एक हैं।
रेलवे स्टॉक के लिए Triggers
रेलवे स्टॉक क्यों बढ़ रहे हैं, इस पर प्रॉफिटमार्ट सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख अविनाश गोरक्षकर ने कहा कि रेलवे स्टॉक तेजी की प्रवृत्ति में हैं, क्योंकि भारत सरकार ने रेल इन्फ्रा के विकास के लिए लगभग सात लाख करोड़ रुपये के नए निवेश की घोषणा की है। आगामी बजट में बाजार को उम्मीद है कि भारत सरकार बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना जारी रख सकती है, जिससे इन रेलवे PSU कंपनियों को फायदा होने की उम्मीद है। इसके अलावा IRCTC जैसे रेलवे पीएसयू ने हाल के वर्षों में अपने कारोबार में विविधता लाई है, जिससे उन्हें 2024 की तीसरी तिमाही के मजबूत नतीजे देने में मदद मिलने की उम्मीद है। इसलिए ये कुछ कारकों का संयोजन है, जो रेलवे शेयरों में तेजी लाने में सहायता कर रहे हैं।
एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (अनुसंधान) सौरभ जैन ने इन रेलवे स्टॉकधारकों को अगली एक से दो तिमाहियों के बारे में सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा, लोकसभा चुनाव 2024 के तेजी से नजदीक आने के कारण केंद्रीय बजट 2024 के बाद PSU कंपनियों के किनारे रहने की उम्मीद है। लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद आदर्श आचार संहिता प्रभावी हो सकती है। ऐसे में पीएसयू कंपनियां उस तेजी वाले कारोबार को बरकरार नहीं रख पाएंगी, जो उन्हें इन दिनों मिल रहा है। इसलिए, इन कंपनियों के शेयरधारकों को सलाह दी जाती है कि वे लोकसभा चुनाव और आगामी बजट 2024 के संबंध में नए विकास के बारे में सूचित रहें।
लंबी अवधि के Investors को रखना चाहिए धैर्य
सौरभ जैन ने कहा कि इन कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजों को बाजार ने पहले ही पसंद कर लिया है और हो सकता है कि अगली एक से दो तिमाहियां हालिया तिमाही नतीजों जितने अच्छे न आएं। उन्होंने कहा कि लंबी अवधि के निवेशकों को धैर्य रखना चाहिए, जबकि छोटी अवधि के निवेशक जब चाहें तब मुनाफावसूली कर सकते हैं।