क्‍या होता है Deepfake ? सरकार इसके खिलाफ 7 दिन में लाएगी नए नियम

डीपफेक (Deepfake) को लेकर केंद्र सरकार जल्‍द ही नए नियम लाने वाली है। 16 जनवरी को केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि 7-8 दिनों में नए आईटी नियम नोटिफाई किए जाएंगे। उन्होंने Deepfake पर दो बैठकें कीं। उन्‍होंने बताया कि नए आईटी नियमों (New IT Rules) में गलत सूचना और डीपफेक को लेकर बड़े प्रावधान हैं। सभी के लिए इसका पालन करना अनिवार्य है, नहीं तो कार्रवाई (Action) की जाएगी।

क्‍या होता है डीपफेक? (What is Deepfake )

पहली बार डीपफेक शब्द साल 2017 में इस्‍तेमाल किया गया था। उस समय अमेरिका के सोशल न्यूज एग्रीगेटर Reddit पर Deepfake ID से कई सेलिब्रिटीज के वीडियो पोस्ट किए गए थे। इसमें एक्ट्रेस एमा वॉटसन, स्कारलेट जोहानसन और गैल गैडोट के कई पोर्न वीडियो थे।

किसी रियल Video, Photo या Audio में दूसरे के चेहरे, आवाज और एक्सप्रेशन को फिट कर देने को डीपफेक (Deepfake) नाम दिया गया है। ये इतनी सफाई से होता है कि कोई भी यकीन कर ले, क्‍योंकि इसमें फेक भी असली जैसा लगता है।

कैसे बनाया जाता है डीपफेक

डीफेक वीडियो, फोटो या ऑडियो बनाने में मशीन लर्निंग (Machine Learning) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artifical Intelligence) का सहारा लिया जाता है। इसमें वीडियो और ऑडियो को तकनीकी (टेक्नोलॉजी) और सॉफ्टवेयर की सहायता से बनाया जाता है।

एआई (AI) और साइबर एक्सपर्ट पुनीत पांडे बताते हैं कि अब रेडी टु यूज (Ready to Use) टेक्नोलॉजी और पैकेज उपलब्ध हैं। अब इसे कोई भी इस्‍तेमाल कर सकता है। वर्तमान तकनीकी में अब आवाज भी इम्प्रूव हो गई है, जिसमें वॉइस क्लोनिंग (Voice Cloning) बेहद खतरनाक हो गई है।

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