काम की बात: ITR 2024 भरते समय न करें ये गलतियां, वरना देना होगा भारी जुर्माना

ITR 2024: हर साल, इनकम टैक्स अथॉरिटीज टैक्सपेयर द्वारा फर्जी टैक्स रिफंड क्लेम का पता लगाते हैं, जिसमें कंपनियों के कर्मचारी भी शामिल हैं।

ITR 2024: आयकर रिटर्न ITR में टैक्स छूट और डिडक्शन करते समय आपको सावधान रहने की जरूरत है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपसे प्रोसेसिंग के दौरान ITR में आपके द्वारा क्लेम की गई कटौती और टैक्स छूट के लिए सबूत मांग सकता है, चाहे वह चालू वर्ष के लिए हो या पिछले वर्षों के लिए।

ITR 2024

हर साल, इनकम टैक्स अथॉरिटीज टैक्सपेयर द्वारा फर्जी टैक्स रिफंड क्लेम का पता लगाते हैं, जिसमें कंपनियों के कर्मचारी भी शामिल हैं।

इन झूठे रिफंड क्लेम को प्राप्त करने के कारण, उन टैक्सपेयर को डिपार्टमेंट द्वारा नोटिस भेजे जाते हैं। कई बार, करदाता फर्जी रिफंड क्लेम फाइल करने के लिए गृह संपत्ति से इनकम की कैटिगरी के तहत नुकसान की झूठी रिपोर्ट भी करते हैं।

इनकम की गलत जानकारी देकर या अपनी टैक्स योग्य इनकम को कम करने के लिए गलत घाटा दिखाकर टैक्स रिफंड का क्लेम करना टैक्सपेयर को परेशानी में डाल सकता है।

आयकर नियमों Income Tax Rule) के अनुसार, इनकम की गलत जानकारी देना कानून के विरुद्ध है और इसके लिए भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।

आयकर अधिनियम की धारा 270 में नोटबंदी के बाद संशोधन किया गया था, ताकि करदाताओं द्वारा आय की गलत जानकारी देने और कम जानकारी देने पर भारी जुर्माना लगाया जा सके।

आयकर अधिनियम की धारा 270 क्या है? | What is IT Act section 270?

आयकर अधिनियम की धारा 270A के तहत, जो व्यक्ति अपनी इनकम को कम या गलत तरीके से रिपोर्ट करते हैं, उन्हें Assessment Officer (AO), कमिश्नर (अपील), प्रधान आयुक्त या आयुक्त द्वारा निर्धारित दंड का सामना करना पड़ सकता है।

ये दंड 50% से 200% तक हो सकते हैं। 2016 के बजट में अधिनियमित, यह प्रावधान वित्त वर्ष 2016-17 में प्रभावी हुआ।

सेक्शन 270A के तहत इनकम की कम रिपोर्टिंग क्या है?

ITR 2024′ जब कोई करदाता आयकर विभाग को अपनी वास्तविक इनकम से कम राशि का खुलासा करता है, तो इसे कम रिपोर्टिंग कहा जाता है। कई मौकों पर, यह विभिन्न कारणों से होता है, जैसे खराब रिकॉर्ड-कीपिंग या इनकम की कैलकुलेशन में गलतियां भी इसका कारण है।

इनकम टैक्स एक्ट के तहत इनकम की कम रिपोर्टिंग के कुछ उदाहरण यहां दिए गए हैं:

  • अगर आप रिकॉर्ड बुक या आयकर रिटर्न में कोई इनकम या उसका कोई भाग दाखिल या प्रकट करने में लापरवाही करते हैं।
  • जब आयकर (आई-टी) विभाग द्वारा निर्धारित आय ITR में बताई गई इनकम से अधिक हो।
  • जब आप इनकम का रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं, लेकिन आई-टी विभाग द्वारा निर्धारित आय मूल छूट लिमिट से अधिक है।
  • अगर वास्तविक इनकम विशेष कर धाराओं (जैसे 115JB या 115JC) के तहत घोषित या गणना की गई आय से अधिक है, तो इसे आयकर विभाग द्वारा गणना की गई आय माना जाता है।
  • इसे आय की कम रिपोर्टिंग के रूप में माना जाता है, जहां निर्धारित या पुनर्मूल्यांकित आय के परिणामस्वरूप नुकसान में कमी आती है या ऐसे नुकसान को आय में बदल दिया जाता है।

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 270A के तहत जुर्माना:

जब मूल्यांकन अधिकारी द्वारा यह पुष्टि की जाती है कि इनकम की कम रिपोर्टिंग या गलत रिपोर्टिंग की गई है, और आयकर अधिनियम की धारा 270ए के तहत जुर्माना लगाया जाता है, तो जुर्माना प्रावधान इस प्रकार हैं:

  • आय की कम रिपोर्टिंग पर: लगाया गया जुर्माना कम रिपोर्ट की गई आय पर देय कर के 50% के बराबर है।
  • आय की गलत रिपोर्टिंग पर: जुर्माना गलत रिपोर्ट की गई आय पर देय कर के 200% के बराबर होगा।

करदाताओं को ध्यान देना चाहिए कि धारा 270ए के तहत लगाया गया जुर्माना कम रिपोर्ट की गई या गलत रिपोर्ट की गई आय पर देय कर के अतिरिक्त होगा। आय की गलत रिपोर्टिंग (200%) के लिए जुर्माना तब लगाया जाता है जब कोई करदाता जानबूझकर गलत या भ्रामक जानकारी देता है। ITR 2024 फाइल करते समय उपरोक्त बताई गई जानकारी का ध्यान रखें।

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