Rupee Vs Dollar: रुपया रोज बना रहा गिरने का रिकॉर्ड, भारतीय मुद्रा में क्यों आ रही लगातार गिरावट?

Rupee Vs Dollar: सोमवार को रुपये में गिरावट का सिलसिला जारी रहा और यह डॉलर के मुकाबले 27 पैसे टूटकर 86.31 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया।

Rupee Vs Dollar: सोमवार को रुपये में गिरावट का सिलसिला लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में जारी रहा और यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 27 पैसे टूटकर 86.31 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया।

Rupee Vs Dollar: क्यों गिर रही रूपए की वैल्यू?

अस्थिर वैश्विक संकेतों के बीच मजबूत अमेरिकी मुद्रा के कारण यह गिरावट आई। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल, विदेशी पूंजी की सतत निकासी और घरेलू शेयर बाजारों में नकारात्मक रुख के कारण भी भारतीय मुद्रा पर दबाव रहा।

उन्होंने कहा कि अमेरिकी बाजार में उम्मीद से बेहतर रोजगार वृद्धि के कारण डॉलर मजबूत हुआ, जिससे फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में धीमी कटौती की उम्मीदों के बीच बेंचमार्क ट्रेजरी यील्ड को भी बढ़ावा मिला।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 86.12 पर खुला और शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले 86.31 के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव से 27 पैसे की भारी गिरावट दर्शाता है। शुक्रवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 18 पैसे गिरकर 86.04 पर बंद हुआ था।

इस बीच, छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर इंडेक्स 0.22 प्रतिशत बढ़कर 109.72 के अपने दो साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। 10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड यील्ड अक्टूबर 2023 के स्तर 4.76 प्रतिशत पर पहुंच कर ऊंचे स्तर पर बनी रही।

वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 1.44 प्रतिशत बढ़कर 80.91 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

शेयर बाजार भी हुआ धड़ाम

घरेलू शेयर बाजार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 550.49 अंक यानी 0.71 फीसदी की गिरावट के साथ 76,828.42 अंक पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 182.45 अंक यानी 0.78 फीसदी की गिरावट के साथ 23,249.05 अंक पर था।

एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को पूंजी बाजार में शुद्ध आधार पर 2,254.68 करोड़ रुपये बेचे। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि 3 जनवरी को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 5.693 अरब डॉलर घटकर 634.585 अरब डॉलर रह गया।

हालांकि, शुक्रवार को जारी नवीनतम सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर 2024 में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) की वृद्धि दर बढ़कर छह महीने के उच्च स्तर 5.2 फीसदी पर पहुंच गई, जो साल-दर-साल आधार पर 5.2 फीसदी है।

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