वित्त मंत्री ने लोकसभा में पेश किया New Income Tax Bill, 1961 के कानून को करेगा प्रतिस्थापित

New Income Tax Bill : भारत की कर प्रणाली को सरल और आधुनिक बनाने के उद्देश्य से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक नया आयकर बिल पेश किया है। यह प्रस्तावित कानून वर्तमान आयकर अधिनियम, 1961 को प्रतिस्थापित करेगा। इसका मकसद कानूनी जटिलताओं को कम करना, करदाताओं के लिए अनुपालन को आसान बनाना और मौजूदा कानून की लंबाई को लगभग आधा करना है।

नए आयकर बिल की मुख्य बातें

नया आयकर बिल किसी नए कर को लागू करने के बजाय मौजूदा कर कानूनों को सरल बनाने पर केंद्रित है। वित्त सचिव ने पुष्टि की कि इसका उद्देश्य कानूनी जटिलताओं को कम करना और करदाताओं के लिए अनुपालन प्रक्रिया को आसान बनाना है।

प्रस्तावित कानून में सरल भाषा, छोटे वाक्य और कम प्रावधानों और स्पष्टीकरणों का उपयोग किया जाएगा। इससे करदाताओं के लिए कानून को समझना आसान होगा और मुकदमेबाजी में कमी आने की उम्मीद है।

कुछ अपराधों के लिए कम जुर्माना

नए आयकर बिल में कुछ अपराधों के लिए कम जुर्माना लगाने का प्रावधान भी शामिल हो सकता है, जिससे कर प्रणाली को करदाता-अनुकूल बनाया जा सके।

वर्तमान आयकर अधिनियम, जिसमें 23 अध्यायों में 298 धाराएं हैं और जो व्यक्तिगत आयकर और कॉर्पोरेट कर सहित विभिन्न करों से संबंधित है, को इस सरल संस्करण द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा। प्रस्तावित कानून में अप्रासंगिक संशोधनों और धाराओं को हटाया जाएगा और स्पष्ट भाषा का उपयोग किया जाएगा ताकि करदाता बिना पेशेवर सलाह के इसे समझ सकें।

कब बनेगा कानून?

आज बिल पेश किए जाने के बाद इसे वित्तीय मामलों की स्थायी समिति को समीक्षा के लिए भेजा गया है। समिति से जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपने की उम्मीद है। इसके बाद, बिल पर संसद में चर्चा होगी, जहां संशोधन प्रस्तावित किए जा सकते हैं और मतदान हो सकता है। यदि लोकसभा और राज्यसभा दोनों इसे मंजूरी दे देते हैं, तो यह बिल आगे बढ़ेगा।

इसके बाद इसे कानून बनने के लिए राष्ट्रपति की सहमति की आवश्यकता होगी। एक बार मंजूरी मिलने के बाद, इसे आधिकारिक गजट में प्रकाशित किया जाएगा और यह कानून बन जाएगा।

नई कर प्रणाली 2025-26 से लागू होगी

कानून बनने के बाद भी इसे तुरंत लागू नहीं किया जाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, नई आयकर सुधार 1 अप्रैल, 2026 (वित्तीय वर्ष 2025-2026) से लागू होंगे।

बिल में “आकलन वर्ष” और “पिछला वर्ष” जैसे तकनीकी शब्दों को “कर वर्ष” से बदलने का भी प्रस्ताव है ताकि इसे समझना आसान हो।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन को बताया कि नया बिल आयकर धाराओं की संख्या को 536 तक कम करेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह केवल एक यांत्रिक बदलाव नहीं है, बल्कि अनुपालन को सरल बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव है।

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