Maharashtra Govt बनाएगी मीडिया मॉनिटरिंग सेंटर, 10 करोड़ रुपये का बजट मंजूर

Media Monitoring Centre : महाराष्ट्र सरकार ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया की खबरों की निगरानी और विश्लेषण के लिए मीडिया मॉनिटरिंग सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस पहल के लिए 10 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
गलत खबरों पर होगी त्वरित कार्रवाई
सरकार द्वारा जारी आदेश (GR) के अनुसार, यह सेंटर विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रकाशित तथ्यात्मक और भ्रामक खबरों का विश्लेषण करेगा और उनकी सटीक रिपोर्ट तैयार करेगा।
GR में कहा गया है, “अगर कोई खबर भ्रामक पाई जाती है, तो उसका तुरंत खंडन किया जाएगा। वहीं, यदि कोई नकारात्मक खबर आती है, तो सरकार जल्द से जल्द अपना पक्ष रखेगी।”
मीडिया मॉनिटरिंग सेंटर की जरूरत क्यों पड़ी?
सरकार के आदेश में कहा गया है कि अखबारों, न्यूज़ चैनलों और डिजिटल मीडिया प्लेटफार्मों की बढ़ती संख्या के कारण सरकारी योजनाओं और नीतियों से जुड़ी खबरों की निगरानी करना आवश्यक हो गया है। इसलिए, इन सभी स्रोतों को एक ही जगह मॉनिटर करने के लिए यह सेंटर स्थापित किया जा रहा है।
कैसे काम करेगा मीडिया मॉनिटरिंग सेंटर?
- यह सेंटर रोजाना सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक संचालित होगा।
- सेंटर का प्रबंधन सूचना व जनसंपर्क निदेशालय (DGIPR) द्वारा किया जाएगा।
- प्रशासनिक और वित्तीय मंजूरी के बाद, एक प्रोफेशनल कंसल्टेंट को ई-टेंडर प्रक्रिया के जरिए एक वर्ष के लिए नियुक्त किया जाएगा।
- कंसल्टेंट सरकार से जुड़ी खबरों को PDF फॉर्मेट में एकत्र करेगा और खबरों को सकारात्मक, नकारात्मक, विभागों, मुद्दों, घटनाओं और व्यक्तियों के आधार पर वर्गीकृत करेगा।
- इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कंटेंट के लिए, हर घंटे समाचार प्रवृत्ति (ट्रेंड), भावना (मूड) और टोन की रिपोर्ट दी जाएगी।
अगर कंसल्टेंट का काम संतोषजनक पाया जाता है, तो DGIPR उसका कार्यकाल दो साल तक बढ़ा सकता है, लेकिन कुल अवधि तीन वर्ष से अधिक नहीं होगी।