Aditya-L1 Success: हिंदुस्‍तान ने रचा एक और इतिहास, मंजिल पर पहुंचा आदित्य एल-1

Aditya-L1 Success: भारत ने चांद पर चंद्रयान-3 के उतरने के बाद एक और इतिहास रच दिया है। मिशन सूर्य पर निकले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के आदित्य एल-1 ने अपनी मंजिल लैग्रेंज प्वाइंट-1 (L1) पर पहुंचने में सफलता हासिल कर ली है। इसी के साथ Aditya-L1 अंतिम कक्षा में भी स्थापित हो गया। यहां आदित्य दो वर्षों तक सूर्य का अध्ययन करेगा और महत्वपूर्ण आंकड़े जुटाएगा।

ISRO ने भारत के इस पहले सूर्य अध्ययन अभियान को 2 सितंबर को लॉन्च किया था। राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो की इस सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए सराहना व्‍यक्‍त की है।

क्या है L-1 प्वाइंट ?

L-1 प्वाइंट के आस-पास के क्षेत्र को हेलो ऑर्बिट के रूप में जाना जाता है। यह सूर्य और पृथ्वी प्रणाली के बीच मौजूद पांच स्थानों में से एक है, जहां दोनों पिंडों का गुरुत्वाकर्षण प्रभाव के बीच साम्यता है। सरल भाषा में समझें तो ये वे स्थान हैं, जहां दोनों पिंडों की गुरुत्व शक्ति एक-दूसरे के प्रति संतुलन बनाती है। सूर्य और पृथ्वी के बीच इन पांच स्थानों पर स्थिरता मिलती है, जिससे यहां मौजूद वस्तु सूर्य या पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में नहीं फंसती है।

L-1 बिंदु पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर है। यह सूर्य और पृथ्वी के बीच की कुल दूरी का केवल 1 प्रतिशत है। दोनों पिंडों की कुल दूरी 14.96 करोड़ किलोमीटर है। ISRO के एक वैज्ञानिक के अनुसार, हेलो ऑर्बिट सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के घूमने के साथ-साथ घूमेगा। 

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