BharatPe Vs PhonePe : डिजिटल पेमेंट कंपनियों भारतपे ग्रुप और फोनपे ग्रुप ने ‘Pe’ शब्द के इस्तेमाल को लेकर लंबे समय से चल रहे कानूनी विवाद को सुलझा लिया है, वहीं दोनों कंपनियों ने जॉइंट स्टेटमेंट में इस बात की जानकारी दी है कि इस विवाद को उन्होंने सुलझाकर आगे बिजनेस पर फोकस करने का फैसला किया है। आइये जानते है इस विवाद के बारे में विस्तृत से-
5 साल से था विवाद | BharatPe Vs PhonePe Dispute
भारतपे और फोनपे पिछले 5 सालों से कई अदालतों में लंबे समय से चले आ रहे कानूनी विवादों में रही हैं, जहां अब दोनों कंपनियों के बीच यह समझौता सभी ओपन ज्यूडिशियल प्रोसीडिंग्स को खत्म कर देगा।
जानकारी के अनुसार दोनों कंपनियों ने बीते 5 साल से चले आ रहे विवाद को कोर्ट से बाहर आपस में मिलकर ही सुलझा लिया है, जहां भारतपे और फोनपे ने आपस में मिलकर फैसला किया कि अब वह दोनों पे (Pe) प्रत्यय (Suffix) को लेकर ट्रेडमार्क का दावा नहीं करेंगे। यह जानकारी दोनों कंपनियों ने एक संयुक्त बयान में दी है।
जारी किया गया यह स्टेटमेंट
बता दें स्टेटमेंट में कहा गया कि भारतपे और फोनपे ने लंबे समय से चले आ रहे सभी ट्रेडमार्क विवादों को सुलझा लिया है। भारतपे और फोनपे के स्टेटमेंट के अनुसार अगले कदम के रूप में दोनों कंपनियों ने ट्रेडमार्क रजिस्ट्री में एक-दूसरे के खिलाफ सभी विरोधों को वापस लेने के लिए पहले ही कदम उठाया है।
जिससे उन्हें अपने संबंधित ट्रेडमार्क के रजिस्ट्रेशन के साथ बढ़ने में मदद मिलेगी। इस बयान के सामने आने के बाद यह विवाद सुलझा हुआ नजर आ रहा है।
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