Budget 2024: चुनाव से पहले कम लागत वाले घरों के लिए मोदी सरकार के बजट में है खास प्लान

Budget 2024: लोकसभा चुनाव 2024 (Loksabha Election 2024) में कुछ महीने ही बाकी हैं और इसको लेकर मोदी सरकार कम लागत वाले आवासों के लिए अगले महीने पेश होने वाले बजट (Budget 2024) में कुछ खास ला रही है। सूत्रों के अनुसार, सरकार इस योजना का विस्तार करने और इनके ऋण (Loan) के लिए उपलब्ध सब्सिडी में वृद्धि का ऐलान करने की योजना बना रही है।

सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी और इसमें कम लागत वाले आवास के लिए आवंटन को 2023-24 में 790 बिलियन रुपये से 15 फीसदी से अधिक बढ़ाकर 2024-25 के लिए 1 ट्रिलियन रुपये (12 बिलियन डॉलर) करने की संभावना है।

शहरी आवास की कमी बढ़ने की उम्‍मीद

सरकार के आंतरिक अनुमान के मुताबिक, 1.4 अरब से ज्‍यादा की आबादी वाले भारत को ग्रामीण क्षेत्रों में 20 मिलियन से ज्‍यादा घरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। उद्योग के पूर्वानुमानों के मुताबिक, शहरी आवास की कमी, जिसका अनुमान 1.5 मिलियन से ज्‍यादा है, साल 2030 तक दोगुनी होने की उम्मीद है।

बीते महीने सरकार ने संसद को बताया कि भारत की संघीय और राज्य सरकारों ने ग्रामीण और शहरी कम लागत वाले आवास के लिए सहायता प्रदान करने के कार्यक्रम के तहत बीते पांच सालों में 29 अरब डॉलर खर्च किए हैं। एक तीसरे सरकारी सूत्र ने कहा कि इस योजना को दिसंबर, 2024 में खत्‍म होना था, लेकिन सरकार इसे तीन से पांच साल के लिए (Budget 2024) बढ़ा सकती है, क्योंकि अभी लक्ष्य पूरा करना बाकी है।

इस पर वित्त मंत्रालय ने टिप्पणी के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2014 में उनके पीएम बनने के बाद से उनकी सरकार ने करीब 40 मिलियन गरीब परिवारों के लिए कंक्रीट के घर बनाए हैं। विपक्षी दलों ने कहा है कि यह योजना अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए 2022 की मूल समय सीमा से चूक गई है और लाखों लोगों को अभी भी लाभ नहीं मिला है। बढ़ती आवास मांग और लागत को देखते हुए अधिकारी चाहते हैं कि वित्त मंत्री इस योजना को आगे बढ़ाए और भूमि, निर्माण सामग्री की लागत में वृद्धि के कारण इंसेंटिव बढ़ाएं।

कैबिनेट को भेजा जाएगा एक प्रस्‍ताव

आवास योजना (Housing Scheme) के तहत संघीय सरकार राज्य सरकारों से सब्सिडी (Subsidy) के अलावा आवास निर्माण के लिए बैंक ऋण (Bank Loan) प्राप्त करने वाले परिवारों को 1,00,000 रुपये से 2,67,000 रुपये के बीच ब्याज-लागत सब्सिडी प्रदान करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकारियों ने हर घर के लिए करीब 2,00,000 रुपये की वित्तीय सहायता बढ़ाने और शहरी क्षेत्रों में 5 मिलियन रुपये तक के गृह ऋण (Home Loan) पर ब्याज सब्सिडी का समर्थन किया। भारत के आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Minister Hardeep Singh Puri) ने शुक्रवार को कहा कि शहरी किफायती आवास के लिए ब्याज सब्सिडी (Loan Subsidy) पर जल्द ही कैबिनेट को (Budget 2024) एक प्रस्ताव भेजा जाएगा।

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