Budget 2025 : वित्त मंत्री ने टैक्सपेयर्स को दिया बड़ा तोहफा, 12 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
Budget 2025 : देश के लाखों टैक्सपेयर्स के लिए आज का दिन खुशखबरी लेकर आया है। वित्त मंत्री ने नए टैक्स रिजीम के तहत इनकम टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया है। इसका मतलब है कि जिन लोगों की सालाना आय 12 लाख रुपये तक है, उन्हें अब कोई टैक्स नहीं देना होगा। साथ ही, नौकरीपेशा लोगों के लिए 75 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी ऐलान किया गया है। यानी, अगर किसी नौकरीपेशा व्यक्ति की सालाना आय 12.75 लाख रुपये है, तो उन्हें भी कोई टैक्स नहीं देना होगा।
नए टैक्स स्लैब में क्या बदलाव हुए?
नए टैक्स रिजीम के तहत, 0 से 4 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वहीं, 4 से 8 लाख रुपये तक की आय पर 5% और 8 से 12 लाख रुपये तक की आय पर 10% की दर से टैक्स लगेगा। अगर आप इस नए टैक्स स्लैब को लेकर कन्फ्यूज हैं, तो चलिए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
टैक्स स्लैब का पूरा गणित समझें
पहले नए टैक्स रिजीम में बेसिक टैक्स छूट की सीमा 3 लाख रुपये थी और इनकम टैक्स रिबेट की सीमा 7 लाख रुपये थी। इसके तहत, 3 से 7 लाख रुपये तक की आय पर 5% की दर से टैक्स लगता था, लेकिन धारा 87A के तहत सरकार इसे माफ कर देती थी। इसलिए, 7 लाख रुपये तक की आय टैक्स-फ्री हो जाती थी।
अब सरकार ने इसमें बदलाव किया है। बेसिक टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दिया गया है। साथ ही, 4 से 8 लाख रुपये तक की आय पर 5% और 8 से 12 लाख रुपये तक की आय पर 10% की दर से टैक्स लगेगा। इस तरह, 12 लाख रुपये की आय पर कुल 60 हजार रुपये टैक्स बनेगा।
धारा 87A के तहत छूट में वृद्धि
सरकार ने अब 12 लाख रुपये तक की आय को पूरी तरह से टैक्स-फ्री करने का फैसला किया है। इसके लिए धारा 87A के तहत छूट की सीमा को बढ़ाया गया है। अब अधिकतम छूट 25,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दी गई है। इसका मतलब है कि 12 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को कोई टैक्स नहीं देना होगा। हालांकि, यह छूट कैपिटल गेन जैसी विशेष श्रेणी की आय पर लागू नहीं होगी।
12 लाख से 1 रुपये अधिक आय पर भी टैक्स देना होगा
धारा 87A के तहत छूट का मतलब है कि अगर आपकी शुद्ध कर योग्य आय 12 लाख रुपये तक है, तो आपको पूरा टैक्स लाभ मिलेगा और आपकी कर देयता शून्य हो जाएगी। लेकिन अगर आपकी आय 12 लाख से सिर्फ 1 रुपये भी अधिक है, तो आपको टैक्स देना होगा। यानी, 12 लाख रुपये की सीमा को पार करने पर टैक्स देना अनिवार्य होगा।