Byju’s Valuation: BlackRock ने Byju’s का मूल्यांकन 22 बिलियन डॉलर से 1 बिलियन डॉलर किया

Byju’s Valuation: अमेरिकी इन्वेस्टमेंट फर्म ब्लैकरॉक ने फिर से बायजू में अपनी हिस्सेदारी के मूल्य में कटौती की है। इससे 2022 की शुरुआत में एडटेक प्रमुख का मूल्यांकन 22 बिलियन डॉलर से घटकर मात्र एक बिलियन डॉलर रह गया है। इस तरह मूल्यांकन में 95 प्रतिशत से अधिक की कटौती की गई है।

टेकक्रंच की रिपोर्ट के मुताबिक, बायजू में एक फीसदी से भी कम की हिस्सेदारी वाली BlackRock ने अपने शेयरों का मूल्य करीब 209.6 डॉलर प्रति शेयर रखा है, जो 2022 में 4,660 डॉलर के उच्चतम स्तर से कम है। Byju’s ने नवीनतम मूल्यांकन कटौती पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की।

BlackRock ने 2023 में भी घटाया था वैल्‍यूएशन

यह पहली बार नहीं है, जब ब्लैकरॉक ने बायजू में अपनी हिस्सेदारी के मूल्य में कटौती की है। इससे पहले मई, 2023 में भी ब्लैकरॉक ने वैल्यूएशन घटाकर 8.4 अरब डॉलर कर दिया था। बायजू में करीब 9 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली निवेश फर्म प्रोसस ने भी Byju’s में अपनी हिस्सेदारी का मूल्य घटाकर 3 बिलियन डॉलर से कम कर दिया है, जोकि 22 बिलियन डॉलर के पिछले फंडिंग दौर के मूल्यांकन से 86 फीसदी से ज्‍यादा की गिरावट है।

प्रोसस ने पिछले साल नवंबर में पहली बार बायजू का उचित मूल्य घटाकर 5.97 बिलियन डॉलर कर दिया था। ये महत्वपूर्ण मार्कडाउन बायजू के मूल्यांकन में गिरावट की व्यापक प्रवृत्ति को दर्शाते हैं, जिसका मूल्य पहले निवेश बैंकरों द्वारा 50 बिलियन डॉलर तक आंका गया था।

Byju’s का चल रहा Financial Struggle

बड़े पैमाने पर वैल्यूएशन मार्कडाउन ऐसे समय में आया है, जब Byju’s कई वित्तीय चुनौतियों से जूझ रहा है, जिसमें ताजा धन उगाहना, पेरोल को पूरा करना और एक अरब डॉलर से ज्‍यादा के कर्ज का प्रबंधन करना शामिल है। वित्तीय संघर्षों के अलावा संकटग्रस्त एडटेक दिग्गज को सीएफओ अजय गोयल और तीन प्रमुख बोर्ड सदस्यों सहित हाई-प्रोफाइल प्रस्थान का भी सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से, प्रोसस जैसे निवेशकों द्वारा पर्याप्त रूप से विकसित नहीं होने और सलाह की अवहेलना करने के लिए इसकी आलोचना की गई है।

गौरतलब है कि बायजू की मंदी में आंतरिक कारक ही एकमात्र कारण नहीं थे, बल्कि बाहरी कारकों ने भी समान भूमिका निभाई है। SPAC सौदे के जरिए 2022 की शुरुआत में सार्वजनिक होने की कंपनी की योजना यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद बाजार में गिरावट के कारण रोक दी गई थी। बाजार की बिगड़ती स्थितियों के साथ देरी ने बायजू पर अनसुलझे मुद्दों को संबोधित करने का दबाव बढ़ा दिया।

नियामक चुनौतियों की भूमिका और निवेशकों का दबाव

बायजू को विनियामक चुनौतियों (Regulatory Challenges) का भी सामना करना पड़ रहा है, जिसमें पाठ्यक्रमों की गलत बिक्री और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन के आरोप शामिल हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के उल्लंघन के लिए कंपनी को नोटिस जारी किया। इसके बाद बायजू के निवेशकों ने हाल ही में एक वार्षिक आम बैठक में कंपनी की वित्तीय स्थिति पर पारदर्शिता और स्पष्टता की मांग की। साथ ही कुछ ने कथित तौर पर बायजू की सीईओ रवींद्रन से दिन-प्रतिदिन के कार्यों से अलग हटने की अपील की।

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