P/E Ratio, ROI जैसे टर्म नहीं समझ आते? तो यहां आसानी से समझें फाइनेंस से जुड़ी शब्दावली

Financial Terminology: भारतीय बाजार में सूचित निर्णय लेने के इच्छुक किसी भी निवेशक के लिए प्रमुख फाइनेंशियल रेश्यो को जरूरी है। ये रेश्यो निवेशकों को बेहतर विकास संभावनाओं वाली अच्छी बुनियादी कंपनियों का पता लगाने में मदद करते हैं।

यहां आवश्यक फाइनेंशियल रेश्यो की व्याख्या की गई है, जैसे कि Price-to-Earnings (P/E) Ratio, Debt-to-Equity (D/E) ratio, और Return on Investment (ROI) जो यूजर्स को निवेश के लिए मजबूत कंपनियों को फ़िल्टर करने में मदद करते हैं।

1) Price-to-Earnings (P/E) Ratio

प्राइस-टू-अर्निंग रेश्यो स्टॉक मूल्यांकन के लिए सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में से एक है। यह दर्शाता है कि निवेशक प्रति रुपये आय के लिए कितना भुगतान करने को तैयार हैं। हाई P/E Ratio का मतलब यह हो सकता है कि स्टॉक का मूल्यांकन अधिक है, या निवेशक भविष्य में उच्च विकास दर की उम्मीद कर रहे हैं।

  • फॉर्मूला: P/E Ratio = प्रति शेयर बाजार मूल्य / प्रति शेयर आय (EPS)

उदाहरण: अगर किसी शेयर की कीमत 200 रुपये है और प्रति शेयर आय 20 रुपये है, तो P/E Ratio 10 है। इसका मतलब है कि निवेशक हर 1 रुपये की आय के लिए 10 रुपये देने को तैयार हैं।

2) Debt-Equity (D/E) Ratio

डेट-इक्विटी रेश्यो किसी कंपनी की कुल देनदारियों की तुलना उसके शेयरधारक इक्विटी से करता है। यह इस बात का माप है कि कोई कंपनी किस हद तक अपने परिचालन को ऋण बनाम पूर्ण स्वामित्व वाले फंड के माध्यम से वित्तपोषित कर रही है। कम मूल्यों को आम तौर पर अनुकूल माना जाता है, जो कम जोखिम का संकेत देता है।

  • फॉर्मूला: D/E Ratio = कुल देयताएँ (Total Liabilities) / शेयरधारक की इक्विटी

उदाहरण: अगर किसी कंपनी की देयताएँ 10,000 रुपये और शेयरधारक की इक्विटी 15,000 रुपये हैं, तो D/E अनुपात 0.67 है। इससे पता चलता है कि कंपनी अपने संचालन को वित्तपोषित करने के लिए कम ऋण का उपयोग करती है।

3) Return on Investment (ROI)

ROI एक बहुमुखी और सीधा मीट्रिक है जिसका उपयोग किसी निवेश की दक्षता को मापने के लिए किया जाता है। यह किसी निवेश से होने वाले लाभ या हानि की तुलना उसकी लागत से करता है।

  • फॉर्मूला: ROI = (शुद्ध लाभ (Net Profit)/ निवेश की लागत) × 100

उदाहरण: अगर आप किसी शेयर में 5,000 रुपये निवेश करते हैं और बाद में उसे 7,000 रुपये में बेचते हैं, तो शुद्ध लाभ 2,000 रुपये होगा। ROI (2,000 रुपये / 5,000 रुपये) × 100 = 40% है।

ये अनुपात क्यों मायने रखते हैं

ये अनुपात किसी कंपनी की परिचालन दक्षता, वित्तीय स्वास्थ्य और बाजार की अपेक्षाओं का एक स्नैपशॉट प्रदान करते हैं। ये उन निवेशकों के लिए जरूरी हैं जो गतिशील भारतीय बाजार में अपने निवेश के मूल्य और क्षमता को समझना चाहते हैं।

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