टेलीकॉम कंपनियों को DoT का निर्देश, बंद होंगे 18 लाख मोबाइल नंबर, जाने कारण

Telecom Companies to Block 18 lakh Mobile Numbers : हालिया अपडेट में करीब 18 लाख मोबाइल नंबर ऐसे हैं जिन्हें भारत की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां ब्लॉक कर देंगी। इस कदम को साइबर क्राइम और ऑनलाइन फ्रॉड पर सरकार की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई माना गया है। हालिया अपडेट में, दूरसंचार विभाग (DoT) ने कथित तौर पर 28 हजार से अधिक मोबाइल हैंडसेट को डिस्कनेक्ट करने का आदेश जारी किया है, जिनका उपयोग साइबर अपराध के लिए किया जा रहा था।

अब सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को कई मोबाइल नंबरों को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है, जिनका इस्तेमाल ब्लॉक किए गए हैंडसेट में किया गया था।

हालिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं को साइबर अपराध और ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने के लिए देश भर में लगभग 18 लाख मोबाइल नंबरों को ब्लॉक करने के लिए तैयार है, जो भारत में पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है। विभिन्न विभागों की एजेंसियों की जांच में इन मोबाइल नंबरों को वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल पाया गया है।

यह 9 मई की बात है, जब दूरसंचार विभाग (DoT) ने देश के टेलीकॉम ऑपरेटरों को लगभग 28,220 मोबाइल उपकरणों को ब्लॉक करने का आदेश जारी किया था। इसके अलावा करीब 2 मिलियन (करीब 20 लाख) मोबाइल नंबरों को दोबारा वेरिफाई करने के लिए कहा गया था, जिनका इस्तेमाल ब्लॉक किए गए हैंडसेट में किया जा रहा था।

जाने क्यों की गई कार्रवाई

DoT अधिकारियों के अनुसार, साइबर अपराधी धोखाधड़ी करने के लिए विभिन्न टेलीकॉम सर्किलों के सिम का उपयोग कर रहे थे। वे कथित तौर पर बार-बार मोबाइल नंबर और हैंडसेट बदल रहे थे, जिससे वे जांच एजेंसियों से बच रहे थे।

उदाहरण के तौर पर साइबर क्राइम के लिए पश्चिम बंगाल और झारखंड के सिम कार्ड दिल्ली-एनसीआर से ऑपरेट किए जा रहे थे. जांच एजेंसियों के रडार पर आने के लिए ये सिर्फ एक आउटगोइंग कॉल कर सिम कार्ड और हैंडसेट बदल लेते थे।

पिछले साल 2023 में जांच एजेंसियों ने कथित तौर पर धोखाधड़ी के कारण लगभग 2 लाख सिम कार्ड ब्लॉक कर दिए थे। सबसे ज्यादा 37 हजार सिम कार्ड हरियाणा के मेवात में ब्लॉक किए गए।

 

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