Go First Crisis : ईजमाईट्रिप (EaseMyTrip) के को-फाउंडर और CEO निशांत पिट्टी ने नकदी संकट से जूझ रही एयरलाइन गो फर्स्ट को खरीदने की अपनी बोली वापस ले ली है, इस खबर के सामने आने के बाद कारोबार जगत में हलचल पैदा हो गयी है, आइये जानते है इसके बारे में विस्तृत से-
ईजमाईट्रिप के सीईओ ने दी यह जानकारी
पिट्टी ने इस फैसले के बाबत बोलते हुए कहा कि सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद मैंने गो फर्स्ट (Go First) की बोली से हटने का फैसला किया है, वहीं यह निर्णय मुझे अन्य स्ट्रैटेजिक प्रायोरिटीज और इनिशिएटिव पर फोकस करने की अनुमति देता है, जो हमारे लॉन्ग टर्म विजन और ग्रोथ ऑब्जेक्टिव से जुड़ा हुआ है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम न्यू अपॉर्चुनिटी और चैलेंजेस का सामना करना जारी रखेंगे और हमारा कमिटमेंट है कि हम बहुत अच्छी सर्विस देते रहेंगे। बता दें निशांत पिट्टी के मेजॉरिटी स्टेक वाली कंपनी बिजी बी ने गो फर्स्ट में हिस्सेदारी खरीदने की इच्छा दिखाई थी, जिसके बाद फरवरी में बिजी बी ने स्पाइसजेट के MD और चेयरमैन अजय सिंह के साथ मिलकर बोली लगाई थी।
गो फर्स्ट एयरलाइन पर हुई यह कार्यवाही | Go First Crisis
जानकारी के अनुसार DGCA ने 1 मई को गो फर्स्ट (Go First) एयरलाइन के 54 विमानों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया था। इसके साथ ही 26 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने 5 वर्किंग डे में गो फर्स्ट की ओर से लीज पर लिए गए विमानों का डीरजिस्ट्रेशन करने के लिए कहा था, जिसके बाद एविएशन रेगुलेटर ने यह कार्रवाई की थी।
वहीं एयरक्राफ्ट लीजिंग कंपनियों में पेमब्रोक एविएशन, EOS एविएशन एक्सिपिटर इनवेस्टमेंट्स एयरक्राफ्ट्स 2 लिमिटेड और SMBC एविएशन शामिल हैं, जहां इन कंपनियों ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उन विमानों को देने की मांग की थी, जो गो फर्स्ट को लीज पर दिए गए थे।
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