AI और UPI में भारत की बड़ी संभावनाएं : Flipkart के सह-संस्थापक Sachin Bansal की राय

फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक और जाने-माने टेक उद्यमी सचिन बंसल (Sachin Bansal) का मानना है कि भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के फाउंडेशन मॉडल और बड़े लैंग्वेज मॉडल (LLMs) विकसित करने की जबरदस्त संभावना है। हालांकि, इसके लिए भारी निवेश, प्रतिबद्धता और कुशल टैलेंट की जरूरत होगी।

AI में भारत की संभावनाएं और चुनौतियां

बेंगलुरु में Redseer द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बंसल ने कहा,
“मैं इस बारे में काफी सोचता हूं, लेकिन LLMs बनाना एक फुल-टाइम काम है, इसे साइड प्रोजेक्ट के तौर पर नहीं किया जा सकता। इसके लिए बहुत सारा पैसा भी चाहिए,”

बंसल ने यह भी बताया कि कम संसाधनों में भी बड़े मॉडल बनाए जा सकते हैं। उन्होंने चीन के स्टार्टअप DeepSeek का उदाहरण दिया, जिसने कम लागत में OpenAI को टक्कर देने वाला LLM तैयार किया।

लेकिन, उन्होंने यह भी चेताया कि तकनीक तेजी से बदल रही है।
“अगर आप आज के बेंचमार्क तक पहुंचते हैं, तो कल वह बेंचमार्क और आगे बढ़ जाएगा,” उन्होंने कहा।

‘ब्रेन ड्रेन’ भारत के लिए बड़ी समस्या

Sachin Bansal ने यह भी चिंता जताई कि भारत का बेहतरीन टैलेंट विदेशों, खासकर अमेरिका, में जा रहा है।
“मैंने IIT से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन किया। मेरे बैच के लगभग 80% साथी या तो अमेरिका में प्रोफेसर हैं, या गूगल जैसी कंपनियों में AI पर काम कर रहे हैं, या फिर वहीं अपने स्टार्टअप चला रहे हैं। हम अपने सबसे अच्छे दिमागों को खो रहे हैं,” उन्होंने कहा।

इसके उलट, चीन और ताइवान में टैलेंट वापस लौट रहा है और वहाँ Baidu, DeepSeek और TSMC जैसी कंपनियां खड़ी हो रही हैं।

भारत में सरकारी स्तर पर AI मॉडल की तैयारी

भारत सरकार भी अपने स्वतंत्र AI फाउंडेशन मॉडल पर काम कर रही है।
IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 30 जनवरी को घोषणा की थी कि अगर कंपनियां तेजी दिखाएं तो भारत अगले 8-10 महीनों में अपना खुद का AI मॉडल बना सकता है।

सरकार का INDIAai मिशन, जिसकी 10,372 करोड़ रुपये की मंजूरी मार्च 2024 में दी गई थी, इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।

UPI में क्रांति लाने की तैयारी में Navi

फ्लिपकार्ट से अलग होने के बाद सचिन बंसल (Sachin Bansal) ने 2018 में Navi Technologies नाम की फिनटेक कंपनी शुरू की।

बंसल का लक्ष्य है कि एक अरब भारतीयों तक फाइनेंस की सुविधा पहुंचाना।
आज Navi भारत का चौथा सबसे बड़ा UPI प्लेटफॉर्म बन गया है, जो PhonePe, Google Pay और Paytm के बाद आता है।

“NPCI और सरकार ने छोटे खिलाड़ियों को UPI मार्केट में प्रवेश करने में मदद की है, और हम इसके सबसे बड़े लाभार्थी हैं,” उन्होंने कहा।

UPI में बड़ा बदलाव आने वाला है

बंसल ने यह भी भविष्यवाणी की कि अगले 5 सालों में UPI के जरिए होने वाले अधिकतर ट्रांजैक्शन क्रेडिट-बेस्ड होंगे।
“अभी आप बैंक अकाउंट से पेमेंट करते हैं, लेकिन जल्द ही ज्यादातर UPI ट्रांजैक्शन क्रेडिट प्रोडक्ट्स के जरिए होंगे,” उन्होंने कहा।

Navi बनाम बाकी UPI ऐप्स – क्या है अंतर?

बंसल का मानना है कि Navi ने UPI को अपने बिजनेस का मुख्य केंद्र बनाया है, जबकि अन्य कंपनियों ने इसे सिर्फ एक फीचर के रूप में लिया।
“अगर आप Amazon, Flipkart या WhatsApp देखें, तो वहां UPI ढूंढना ही मुश्किल है। लेकिन हमने UPI को अपने बिजनेस का मुख्य फोकस बनाया और पूरी ताकत से इस पर काम किया,” उन्होंने कहा।

बंसल का मानना है कि UPI की कहानी अभी पूरी नहीं हुई है और आने वाले सालों में इसमें बड़े बदलाव होंगे, जिससे नए खिलाड़ियों को भी मौके मिलेंगे।

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