भारत में 10 अंकों के होंगे लैंडलाइन नंबर, TRAI ने लिया बड़ा फैसला

TRAI News : भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने देश की राष्ट्रीय नंबरिंग प्रणाली में बड़े बदलाव का प्रस्ताव रखा है। यह प्रणाली पिछले दो दशकों से अपरिवर्तित थी, लेकिन मोबाइल फोन और कनेक्टेड डिवाइसों की बढ़ती संख्या को देखते हुए TRAI ने इसे अधिक कुशल और विश्वसनीय बनाने का फैसला किया है।
दूरसंचार विभाग (DoT) ने 2022 में ही फिक्स्ड-लाइन नंबरिंग और टेलीकॉम कोड में संशोधन की मांग की थी। इसके बाद TRAI ने दूरसंचार ऑपरेटर्स और उद्योग विशेषज्ञों के साथ विस्तृत चर्चा करके नई प्रणाली में कई महत्वपूर्ण बदलावों की सिफारिश की है।
लैंडलाइन नंबर भी मोबाइल नंबर की तरह 10 अंकों के होंगे
सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब लैंडलाइन नंबर भी मोबाइल नंबर की तरह 10 अंकों के होंगे। इससे उपलब्ध नंबरों का बेहतर उपयोग हो सकेगा और नंबरिंग प्रणाली अधिक सुव्यवस्थित होगी। साथ ही, लैंडलाइन से लैंडलाइन पर कॉल करने के लिए अब उपयोगकर्ताओं को ‘0’ डायल करना होगा। हालांकि, मोबाइल से लैंडलाइन पर कॉल करने की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं होगा।
इन बदलावों को लागू करने के लिए दूरसंचार कंपनियों को 6 महीने का समय दिया गया है। TRAI का अनुमान है कि ऑपरेटर्स इस समय सीमा के भीतर नई नंबरिंग प्रणाली को अपना लेंगे।
इसके अलावा, TRAI ने अगले 5 वर्षों में फिक्स्ड-लाइन नंबर पोर्टेबिलिटी लाने की योजना भी घोषित की है। यह सुविधा मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) की तरह ही काम करेगी, जिससे उपयोगकर्ता अपना लैंडलाइन नंबर बदले बिना ही दूरसंचार प्रदाता बदल सकेंगे।
TRAI ने दूरसंचार कंपनियों को CNAP जल्द लागू करने का निर्देश दिया
नंबरिंग में बदलाव के साथ-साथ TRAI ने दूरसंचार कंपनियों को CNAP (कॉलर नेम प्रेजेंटेशन सर्विस) जल्द से जल्द लागू करने का निर्देश दिया है। यह सुविधा उपयोगकर्ताओं को कॉलर का नाम दिखाकर फर्जी और स्पैम कॉल के जोखिम को कम करेगी। साथ ही, TRAI ने नकली नंबरों के दुरुपयोग को रोकने के लिए सत्यापन प्रक्रिया को मजबूत करने का सुझाव दिया है।
TRAI ने मशीन-टू-मशीन (M2M) कम्युनिकेशन डिवाइसों के लिए 13 अंकों के नंबर शुरू करने का भी प्रस्ताव रखा है। ये नंबर अभी 10 अंकों के होते हैं, लेकिन नई प्रणाली IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स), स्मार्ट मीटर और औद्योगिक स्वचालन जैसे क्षेत्रों में कनेक्टेड डिवाइसों के लिए अधिक संगठित और स्केलेबल संरचना सुनिश्चित करेगी।
इसके अलावा, TRAI ने प्रस्ताव दिया है कि आपातकालीन सेवाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले विशेष शॉर्टकोड को पूरी तरह से मुफ्त किया जाए। इससे सरकार और अन्य अधिकारियों को आपातकालीन सहायता बिना किसी रुकावट के प्रदान करने में मदद मिलेगी। सही कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए दूरसंचार नंबरिंग संसाधनों के नियमित ऑडिट का भी सुझाव दिया गया है।