Market Cap Rules : कंपनियों के मार्केट कैप तय होने के बदले गए नियम, जानिए अब क्या है मानक
Market Cap Rules : पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने सूचीबद्धता दायित्व और एलओडीआर नियमों के तहत सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (Market Cap) के कैलकुलेशन के तरीके अब बदल दिए हैं। जानकारी के अनुसार एक दिन (वर्तमान में 31 मार्च) के बाजार पूंजीकरण का इस्तेमाल करने के बजाय लिस्टेड कंपनियां अब छह महीने की अवधि के लिए ‘औसत बाजार पूंजीकरण’ का इस्तेमाल करेंगी। आइये जानते है इस खबर के बारे में विस्तृत से-
इस दिन जारी हुआ नोटिफिकेशन
आपको बता दें भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के पूर्व पूर्णकालिक सदस्य एस के मोहंती की अध्यक्षता में गठित एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए यह बेहतर बदलाव किए गए हैं।
बता दें इस समिति का गठन कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए किया गया था, वहीं सेबी ने 17 मई को जारी एक नोटिफिकेशन में कहा कि यह संशोधन 31 दिसंबर, 2024 से लागू होगा। इसके साथ ही अनुपालन की रैंकिंग 1 जुलाई से 31 दिसंबर तक औसत बाजार पूंजीकरण पर आधारित होगी, जिसमें 31 दिसंबर कट-ऑफ तारीख होगी।
बदल गए है यह नियम | New Market Cap Rules
किसी सूचीबद्ध इकाई के मार्केट कैप में बाजार की गति के आधार पर डेली बेसिस पर उतार-चढ़ाव होता रहता है, इसलिए एक उचित अवधि में बाजार पूंजीकरण के आंकड़ों का औसत उस सूचीबद्ध इकाई के बाजार आकार को अधिक सटीक ढंग से दर्शाएगा। इसके साथ ही हर मान्यता प्राप्त शेयर बाजार कैलेंडर वर्ष के आखिर में यानी 31 दिसंबर को उन कंपनियों की एक लिस्ट तैयार करेगा, जिन्होंने जुलाई से अपने औसत मार्केट कैप के आधार पर ऐसी कंपनियों की रैंकिंग करते हुए अपनी निर्दिष्ट प्रतिभूतियों को सूचीबद्ध किया है।
दूसरी ओर अगर किसी इकाई की रैंकिंग लगातार तीन वर्षों तक बदलती है, तो नए प्रावधान सूचीबद्ध इकाई के लिए लागू नहीं होंगे, जिससे बाजार पूंजीकरण में उतार-चढ़ाव का अनुभव करने वाली कंपनियों को राहत मिलेगी। इसके साथ ही सेबी ने प्रमुख प्रबंधकीय भूमिका (केएमपी) वाले खाली पदों को भरने के संबंध में छूट दी है और कुछ मामलों में समयसीमा को मौजूदा तीन माह से बढ़ाकर छह महीने कर दिया है।
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