Excise Policy 2025 : उत्तर प्रदेश की नई आबकारी नीति 2025, जानिए अहम बदलाव

UP New Excise Policy 2025 : उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस नीति को हरी झंडी दिखाई गई। नई नीति के तहत राज्य में शराब के नियमों में कई बड़े बदलाव किए गए हैं।

बढ़ा हुआ राजस्व लक्ष्य, शराब के दामों में इजाफे की संभावना

सरकार ने इस बार आबकारी राजस्व का लक्ष्य 55,000 करोड़ रुपये रखा है, जो पिछले साल के मुकाबले 4,000 करोड़ रुपये अधिक है। इस बढ़े हुए लक्ष्य को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि राज्य में शराब के दाम बढ़ सकते हैं।

इस बार लाइसेंस नवीनीकरण नहीं होगा

आबकारी विभाग ने फैसला किया है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए शराब के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया अब 2026-27 के वित्तीय वर्ष से ही फिर शुरू की जाएगी। इससे मौजूदा लाइसेंसधारकों को नए सिरे से आवेदन करना होगा।

कॉम्पोजिट शराब दुकानों की शुरुआत

\नई नीति के तहत एक बड़ा बदलाव यह है कि अब कॉम्पोजिट शराब दुकानें शुरू की जाएंगी। इन दुकानों पर बीयर, शराब और वाइन एक ही काउंटर से बेचे जाएंगे, जिससे उपभोक्ताओं के लिए खरीदारी आसान होगी। इससे पहले बीयर के लिए अलग से लाइसेंस की जरूरत होती थी और इसे अलग बेचा जाता था।

प्रीमियम शराब दुकानों पर नए प्रतिबंध

नई नीति के तहत प्रीमियम ब्रांड की शराब की दुकानें अब मॉल के मल्टीप्लेक्स क्षेत्रों में नहीं खोली जा सकेंगी। हालांकि, हवाई अड्डों, मेट्रो स्टेशनों और रेलवे स्टेशनों पर ये दुकानें खोली जा सकेंगी, बशर्ते कि संबंधित अधिकारियों से नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) प्राप्त कर लिया जाए। इसके अलावा, अब इन दुकानों के मुख्य प्रवेश द्वार को इमारत के अंदर रखने की अनिवार्यता भी हटा दी गई है।

छोटी विदेशी शराब की बोतलों की बिक्री को मंजूरी

पहली बार, 60 एमएल और 90 एमएल की विदेशी शराब की बोतलों की बिक्री को मंजूरी दी गई है, जिससे उपभोक्ताओं को कम मात्रा में शराब खरीदने का विकल्प मिलेगा।

पर्सनल होम शराब लाइसेंस के लिए आसान प्रक्रिया

व्यक्तिगत उपयोग के लिए पर्सनल होम शराब लाइसेंस प्राप्त करना अब आसान हो गया है। इस लाइसेंस के जरिए लोग सामान्य खुदरा सीमा से अधिक मात्रा में शराब खरीद, परिवहन और संग्रह कर सकते हैं। इस लाइसेंस की वार्षिक फीस 11,000 रुपये है और इसके साथ ही 11,000 रुपये का सुरक्षा जमा भी देना होगा।

पात्रता के लिए व्यक्ति को पिछले तीन वर्षों से आयकरदाता होना चाहिए और कम से कम दो वर्षों में 20% टैक्स स्लैब के तहत आयकर का भुगतान किया होना चाहिए। इसके अलावा, जिनकी कृषि आय कर के दायरे से बाहर है लेकिन वे कर योग्य कृषि आय अर्जित करते हैं, वे भी इस लाइसेंस के लिए पात्र होंगे।

देशी शराब के लिए सुरक्षित पैकेजिंग

नई नीति के तहत देशी शराब की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसे एसेप्टिक ब्रिक पैक में बेचना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे शराब की शुद्धता बनी रहेगी और मिलावट के खतरे को भी कम किया जा सकेगा।

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