Sensex और Nifty का PE Ratio औसत से नीचे, क्या निवेश का समय आ गया है?

Sensex & Nifty PE Ratio : सेंसेक्स और निफ्टी जैसे प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स में हालिया गिरावट के कारण, उनका प्राइस टू अर्निंग्स (PE) रेश्यो, जो पिछले 12 महीनों (TTM) के आधार पर मापा जाता है, अपने 5 और 10 साल के औसत से नीचे आ गया है। सेंसेक्स और निफ्टी अभी अपने ऑल-टाइम हाई स्तर से क्रमशः 11% और 12% नीचे चल रहे हैं।
सेंसेक्स फिलहाल 22.2x के TTM PE पर कारोबार कर रहा है, जबकि इसका 5 और 10 साल का औसत PE क्रमशः 25.4x और 27.5x है। वहीं, निफ्टी50 का TTM PE 21.7x है, जो अपने 5 और 10 साल के औसत PE (23.9x और 26.7x) से काफी कम है।
कमजोर Q3 नतीजों ने बढ़ाई चिंता
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि सेंसेक्स और निफ्टी के PE में गिरावट की मुख्य वजह दिसंबर 2024 की तिमाही (Q3 Results) के कमजोर नतीजे हैं।
अल्फ़ानिटि फिनटेक के को-फाउंडर और डायरेक्टर यू आर भट का कहना है कि आने वाले हफ्तों में बाजार में और गिरावट देखने को मिल सकती है। उनके मुताबिक, कंपनियों के सुस्त नतीजों और वैश्विक कारकों ने निवेशकों के मन में सतर्कता बढ़ा दी है।
भट ने कहा, “बाजार में अभी और गिरावट बाकी है। Q3-FY25 के नतीजे सतर्कता भरे रहे हैं, और आने वाली तिमाहियों में आय वृद्धि धीमी रहने की उम्मीद है। सरकारी बॉन्ड यील्ड पर भी नजर रखने की जरूरत है। निवेशकों में अभी कोई खास उत्साह नहीं दिख रहा है।”
भट ने निवेशकों को सलाह दी कि वे कम से कम एक तिमाही तक बाजार से दूर रहें और बजट तथा कॉर्पोरेट नतीजों का इंतजार करें।
मिड-कैप और स्मॉल-कैप सेगमेंट में भी मंदी का दबाव
मिड-कैप और स्मॉल-कैप सेगमेंट में भी हालात बेहतर नहीं हैं। निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स क्रमशः 37.1x और 26.6x के PE पर कारोबार कर रहे हैं, जो उनके 5 और 10 साल के औसत PE से कम है। इन सेगमेंट में गिरावट लार्ज-कैप इंडेक्स की तुलना में ज्यादा तेज रही है।
एनएसई डेटा के अनुसार, निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स अपने हाई लेवल से लगभग 13% नीचे है, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स अपने हाई से 15.5% नीचे चल रहा है।
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के एनालिस्ट्स का कहना है कि निवेशकों को मिड-कैप और स्मॉल-कैप सेगमेंट में लंबे समय तक उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा, “मौजूदा गिरावट मंदी जैसी स्थिति दिखा रही है। अमेरिकी फेड और घरेलू ब्याज दरों में राहत इन सेगमेंट में तेजी के लिए महत्वपूर्ण होगी।”
नुवामा इक्विटीज ने अपने नोट में कहा, “हालिया गिरावट के बावजूद, मिड-कैप और स्मॉल-कैप सेगमेंट में वैल्यूएशन अभी भी महंगा है। यह आगे और गिरावट का संकेत देता है। हालांकि, सरकार की सही नीतियां इस गिरावट को रोक सकती हैं।”
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