SEBI ने Motilal Oswal पर लगाया 7 लाख रुपये का जुर्माना, जाने क्या है मामला
![SEBI News](https://www.financialbeat.in/wp-content/uploads/2025/01/1734600977.jpg)
बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने स्टॉकब्रोकिंग नियमों के कई उल्लंघनों के लिए मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (MOFSL) पर 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इन उल्लंघनों में गलत मार्जिन रिपोर्टिंग, ग्राहकों के फंड और प्रतिभूतियों की गलत रिपोर्टिंग, और स्टॉकब्रोकर तथा डिपॉजिटरी प्रतिभागी नियमों का पालन न करना शामिल है।
- 1 लाख रुपये: उचित बुक्स और रिकॉर्ड्स न रखने के लिए
- 1 लाख रुपये: निवेशकों की शिकायतों का समाधान न करने के लिए
- 5 लाख रुपये: सामान्य अनुपालन न करने के लिए
मोतीलाल ओसवाल को यह जुर्माना चुकाने के लिए 45 दिन का समय दिया गया है। हालांकि, सेबी ने अपने आदेश में कहा है कि इन उल्लंघनों से कंपनी को कोई अनुचित लाभ या फायदा नहीं हुआ है।
जांच में क्या सामने आया?
सेबी ने अप्रैल 2021 से जून 2022 तक की अवधि के लिए मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज का स्टॉक एक्सचेंजों और डिपॉजिटरीज के साथ मिलकर निरीक्षण किया था। जांच में पाया गया कि कंपनी ने 26 शिकायतों का 30 दिनों के भीतर समाधान नहीं किया, क्रेडिट बैलेंस वाले ग्राहकों की प्रतिभूतियों को “क्लाइंट अनपेड सिक्योरिटीज अकाउंट” में ट्रांसफर किया, और एक्सचेंज को मार्जिन ट्रेडिंग फंडिंग (MTF) कोलैटरल की गलत रिपोर्टिंग की।
इसके अलावा, कंपनी ने कैपिटल मार्केट (CM) सेगमेंट में एक बार, फ्यूचर्स एंड ऑप्शन्स (FO) सेगमेंट में एक बार, और करेंसी डेरिवेटिव सेगमेंट में पांच बार मार्जिन की गलत रिपोर्टिंग और कम वसूली की।
सेबी ने यह भी पाया कि जून 2022 में 39 ग्राहकों ने ट्रेडिंग की थी, लेकिन ब्रोकर ने उन्हें निष्क्रिय मानकर उनके फंड्स को अलग रख दिया था।
SEBI अधिकारी का बयान
सेबी के एडजुडिकेटिंग ऑफिसर अमर नवलानी ने कहा, “मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने 39 सक्रिय ग्राहकों के 3.50 करोड़ रुपये को अलग रखते हुए गलत कारण बताए, जैसे कि ग्राहक का बैंक खाता उपलब्ध न होना और ग्राहक का पता न लग पाना। यह आरोप सही पाया गया है।”
SEBI का आदेश
नियामक ने कहा कि “मोतीलाल ओसवाल एक सेबी-पंजीकृत स्टॉकब्रोकर और डिपॉजिटरी प्रतिभागी है, जिसे प्रतिभूति कानूनों के प्रावधानों का पालन करना आवश्यक था, लेकिन कंपनी ऐसा करने में विफल रही। इस तरह की विफलता और अनुपालन न करने के लिए उचित जुर्माना लगाना आवश्यक है।”
इसके बाद, सेबी ने मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज पर 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।