Share Market News: इनवेस्टर्स के लिए खुशखबरी! अब डेबिट कार्ड की तरह ब्लॉक कर पाएंगे Trading Account
Share Market News: शेयर मार्केट में निवेश करने वाले लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। वह दिन अब दूर नहीं जब, आप डेबिट और क्रेडिट कार्ड (Debit and Credit Card) की तरह अपने ट्रेडिंग अकाउंट को भी ब्लॉक कर पाएंगे। मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) ने ब्रोकरेज कंपनियों से ऐसा मेकेनिज्म तैयार करने का आदेश दिया है, जिससे निवेशक अपनी मर्जी से ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) को फ्रीज या ब्लॉक कर सकें।
निवेशक मौजूदा फीचर्स से डीमैट अकाउंट (Demat Account) में लेनदेन को फ्रीज कर सकते हैं, लेकिन ऐसी सुविधा ट्रेडिंग अकाउंट के लिए नहीं है। शेयर मार्केट से जुड़े जानकारों का यह भी कहना है कि डीमैट अकाउंट में भले ही यह ऑप्शन मिलता है, लेकिन बहुत कम लोग ही इसका इस्तेमाल कर पाते हैं। क्योंकि, इस बारे में कम ही लोगों को जानकारी है।
एक अप्रैल तक फ्रेमवर्क तैयार करने का आदेश
इंवेस्टर अपने अकाउंट में जब किसी प्रकार संदिग्ध गतिविधि देखता है तो उसके अकाउंट को फ्रीज या ब्लॉक करने का फीचर अधिकतर ब्रोकर्स के पास नहीं है। SEBI की ओर से दिए गए आदेश में कहा गया कि 1 अप्रैल तक ब्रोकर्स इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स फोरम (ISF) ट्रेडिंग अकाउंट को फ्रीज और ब्लॉक करने का फ्रेमवर्क तैयार करें। सेबी ने यह भी कहा कि यह पूरी प्रक्रिया 1 जुलाई तक चालू हो जानी चाहिए।
ग्राहकों को पूरी जानकारी देंगे ब्रोकर्स
SEBI ने कहा कि अकाउंट ब्लॉक करने की जानकारी मिलने पर ब्रोकर्स को क्या करना होगा, इससे जुड़ा पूरा फ्रेमवर्क भी तैयार होना चाहिए। अपने कस्टमर को हर ब्रोकर भी इस फीचर के बारे में विस्तार से जानकारी दें, जिससे आने वाले समय में इसका जरूरत पड़ने पर अधिक से अधिक इस्तेमाल हो सके। रेग्युलर ने कहा कि ऐसा कई बार होता है कि इंवेस्टर अपने ट्रेडिंग अकाउंट में संदिग्ध गतिविधि देखते हैं। ऐसे में ATM और Credit Card को ब्लॉक करने की सुविधा तो है, लेकिन Trading Account को ब्लॉक करने की सुविधा जल्द से जल्द शुरू करने की जरूरत है।
SEBI ने यह भी कहा कि 1 जुलाई से इस प्रक्रिया को शुरू करने के बाद स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) को अपनी उपरोक्त सुविधा के बारे में रेग्युलेटर को 31 अगस्त तक कॉम्पलिअन्स रिपोर्ट जमा करनी जरूरी है। एक अन्य सर्कुलर में सेबी ने कहा कि स्टॉक एक्सचेंज को Stock Brokers के साथ मिलकर निवेशकों (Investors) के फंड की निगरानी के लिए एक सिस्टम बनाने की जरूरत है।