सोने की नीलामी प्रक्रिया में अनियमितता पर होगी कड़ी कार्रवाई : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
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Financial Beat News Desk : यदि कोई कर्जदार गोल्ड लोन चुकाने में विफल रहता है और बैंकों या गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) द्वारा सोने की नीलामी प्रक्रिया में निर्धारित नियमों का उल्लंघन किया जाता है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह भरोसा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में दिलाया।
सोने की नीलामी के लिए स्पष्ट और सख्त प्रक्रियाएं निर्धारित
लोकसभा के प्रश्नकाल के दौरान वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि NBFCs और अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (SCBs) समान नियमों के तहत काम करते हैं। उन्होंने कहा कि सोने की नीलामी के लिए स्पष्ट और सख्त प्रक्रियाएं निर्धारित हैं, जिनका पालन सभी वित्तीय संस्थाओं द्वारा अनिवार्य रूप से किया जाता है।
सीतारमण ने बताया कि नीलामी प्रक्रिया से पहले बैंक खाताधारकों को पर्याप्त नोटिस जारी करने की व्यवस्था है, जिससे उन्हें स्थिति की जानकारी दी जा सके। यदि कर्जदार समय पर भुगतान नहीं करता है, तो बैंक या NBFC को नीलामी के लिए बाध्य होना पड़ता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नीलामी के दौरान भी पारदर्शिता और नियमों का कड़ाई से पालन किया जाता है।
वित्त मंत्री ने कहा, “अगर इन प्रक्रियाओं का उल्लंघन होता है, तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। यदि किसी विशेष मामले में निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन किया गया है, तो हम उसका विवरण लेकर आवश्यक कदम उठाने को तैयार हैं।”
वह डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि के प्रश्न का उत्तर दे रही थीं, जिसमें स्वर्ण ऋण के चूक के बाद नीलामी प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए थे।
भारत में सोने की मांग में कमी नहीं
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी के प्रश्न का उत्तर देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में सोने की मांग में कमी नहीं आई है, बल्कि यह लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा, “भारत में विशेष रूप से परिवारों और छोटे व्यवसायों के लिए सोने में निवेश एक आम प्रथा है, क्योंकि इसे सुरक्षित और तरल संपत्ति माना जाता है। महिलाओं और छोटे व्यवसायों में भी इसकी लोकप्रियता बनी हुई है।”
सीतारमण ने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के स्वर्ण भंडार के विस्तार का उद्देश्य किसी भी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा को प्रतिस्थापित करना नहीं है। उन्होंने मनीष तिवारी की इस चिंता को खारिज किया कि सोने की ओर वैश्विक रुझान अमेरिकी डॉलर के विकल्प के रूप में देखा जा सकता है।
यह बयान भारतीय अर्थव्यवस्था में सोने के महत्व और नीलामी प्रक्रियाओं की पारदर्शिता को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।