बेसिक सैलरी वह सैलरी होती है जो कंपनी और कर्मचारी दोनों की सहमति से निर्धारित होती है। Next Slide..
बेसिक सैलरी क्या है?
यह आपके सैलरी स्ट्रक्चर का बेस होता है। बेसिक सैलरी के आधार पर ही सैलरी पैकेज के तमाम घटकों की कैलकुलेशन होती है। Next Slide..
इसमें ओवरटाइम, टैक्स कटौती, बोनस या HRA शामिल नहीं होता है। Basic Salary टोटल CTC का 40-45% होता है।
नेट सैलरी या टेक-होम सैलरी कटौती के बाद किसी व्यक्ति के बैंक खाते में जमा की गई राशि का प्रदर्शित करती है। Next Slide..
नेट सैलरी क्या है?
इसमें ग्रॉस सैलरी, इनकम टैक्स, PPF, प्रोफेशनल टैक्स और अन्य गैर-मौद्रिक लाभों जैसी कटौतियों का लेखा-जोखा शामिल है।
सैलरी स्लिप पर प्रदर्शित, ग्रॉस सैलरी,PPF, NPS, रिटायरमेंट फंड, ग्रेच्युटी और इसी तरह के घटकों में नियोक्ता के योगदान में कटौती करने से पहले की कुल वेतन राशि है। Next Slide..
ग्रॉस सैलरी क्या है?
यह विभिन्न खर्चों को घटाने से पहले कंपनी द्वारा कैलकुलेट किए गए ओवरऑल पेमेंट को दिखाता है।
CTC का Full Form Cost to Company होता है। CTC कंपनी द्वारा प्रदान किए गए फुल कंपनसेशन पैकेज को समाहित करता है, जो कर्मचारी पर कुल व्यय का प्रतिनिधित्व करता है। Next Slide..
CTC क्या है?
इसमें बेसिक सैलरी, HRA, विशेष भत्ता, लीव ट्रैवल एलाउंस (LTA), वाहन भत्ता समेत अन्य निश्चित घटक शामिल होते हैं। Next Slide..
PF, NPS, रिटायरमेंट फंड और परिवर्तनीय वेतन में नियोक्ता का योगदान भी CTC का हिस्सा हो सकता है।
चाहे नौकरी की बात हो या पर्सनल फाइनेंस का प्लान बनाना, Basic Salary, Net Salary, Gross Salary और CTC पर जानकारी व्यक्तियों को उनकी प्रोफेशनल यात्रा में सशक्त बनाती है।