Futures and Options Kya Hai? (F&Os in Hindi): फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस एक फाइनेंशियल डेरिवेटिव हैं जिनका उपयोग ट्रेडर्स या निवेशकों द्वारा रिटर्न हासिल करने या मौजूदा निवेश को हेज (hedge) करने के लिए किया जाता है।
F&Os पूर्व निर्धारित कीमत और तारीख पर किसी एसेट को खरीदने या बेचने का अधिकार प्रदान करता है, न कि दायित्व। हालांकि, वे अलग-अलग तरीके से काम करने और अलग-अलग रिस्क रखने के लिए जाने जाते हैं।
वायदा (Futures) फाइनेंशियल कॉन्ट्रैक्ट हैं जो ट्रेडर्स को एक अंडरलाइंग एसेट को खरीदने या बेचने की अनुमति देते हैं, जो एक निर्दिष्ट भविष्य की तारीख पर पूर्व निर्धारित कीमत पर वस्तुएं (commodities), मुद्राएं (currencies) या शेयर बाजार सूचकांक (Stock Market indices) हो सकते हैं।
Category of Future Contract | Futures and Options Kya Hai?
F&Os in Hindi: फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की तीन प्राथमिक कैटिगरी हैं: इक्विटी वायदा (equity futures), सूचकांक वायदा (index futures) और कमोडिटी वायदा (commodity futures), अन्य विशेष प्रकार जैसे मुद्रा वायदा (currency futures), ब्याज दर वायदा (interest rate futures) और अस्थिरता सूचकांक (Volatility Index future) भी है।
Options क्या है? | Option Mean in F&Os
दूसरी ओर, ऑप्शन फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट हैं जो ट्रेडर्स को एक अंडरलाइंग एसेट (स्टॉक या इंडेक्स) को पूर्व निर्धारित मूल्य (स्ट्राइक प्राइस) पर किसी निर्दिष्ट भविष्य की तारीख (समाप्ति तिथि) पर या उससे पहले खरीदने (Call Option) या बेचने (Put Optipn) का अधिकार प्रदान करते हैं।
इन अनुबंधों का कारोबार BSE और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) जैसे स्टॉक एक्सचेंजों पर किया जाता है।
फ्यूचर और ऑप्शन में क्या सेलेक्ट करें?
F&Os in Hindi: किसी व्यक्ति के लिए वायदा और विकल्प के बीच चयन करना पूरी तरह से उनके वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम उठाने की क्षमता पर निर्भर करता है। फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट बाध्यकारी होते हैं और हाई बेनिफिट उठाते हैं, जो उन्हें आश्वस्त बाजार पूर्वानुमानों के लिए आदर्श बनाते हैं।
हालाँकि, वे असीमित नुकसान का जोखिम उठाते हैं, जिससे वे जोखिम से बचने वाले निवेशकों के लिए अनुपयुक्त हो जाते हैं।
आम तौर पर, शुरुआती लोगों के लिए फ्यूचर ट्रेडिंग की सिफारिश नहीं की जाती है, क्योंकि इसमें हाई रिस्क शामिल होता है और अगर सावधानी से मैनेज नहीं किया जाता है तो महत्वपूर्ण नुकसान हो सकता है।
इसके विपरीत, ऑप्शन लचीलेपन और सीमित जोखिम की पेशकश करते हैं, क्योंकि नुकसान अक्सर भुगतान किए गए प्रीमियम तक ही सीमित होते हैं। हालांकि, फ्यूचर एंड ऑप्शंस के बीच चुनाव पूरी तरह से निवेशक के व्यापारिक उद्देश्यों पर निर्भर करता है।
अंत में, उच्च-जोखिम, उच्च-इनाम वाले अवसरों की तलाश करने वालों के लिए वायदा आकर्षक साबित होता है, जबकि विकल्प लचीलेपन और जोखिम न्यूनीकरण को महत्व देने वालों के लिए एक उपयुक्त विकल्प हो सकता है। यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि एफ एंड ओ (Futures and Options Kya Hai?) निवेश के लिए बाजार की सावधानीपूर्वक समझ और रिस्क मैनेजमेंट की जरूरत होती है।
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