Crypto Exchange News: 10 क्रिप्टो एक्सचेंज पर गिरी गाज, Apple के ऐप स्टोर से हटाए गए
Crypto Exchange News: केंद्रीय वित्त मंत्रालय के निर्देशों के बाद एप्पल (Apple) के ऐप स्टोर ने भारत में गैर-अनुपालन मुद्दों के चलते अपने प्लेटफॉर्म से 10 क्रिप्टो एक्सचेंजों को हटा दिया है। इन एक्सचेंज में बिनेंस (Binance) और कुकॉइन (kucoin) जैसे प्रमुख एक्सचेंज शामिल हैं। गिजमोचाइना की खबर के अनुसार, यह एक्शन भारत के क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) क्षेत्र के गहन रेगुलेशन का एक हिस्सा है।
इन सभी एक्सचेंजों पर वित्त मंत्रालय की वित्तीय खुफिया इकाई (FIU) ने देश में अवैध रूप से संचालन करने और मनी-लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) विरोधी नियमों का पालन करने में विफल रहने का आरोप लगाया। खबर के अनुसार, एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और Tax के पालन के लिए क्रिप्टो एक्सचेंजों पर भारत की कार्रवाई एक्सचेंजों को वित्तीय खुफिया इकाई की अधिसूचना 28 दिसंबर, 2023 को हुई और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) से ब्लॉक को लागू करने का अनुरोध किया गया। FIU का आदेश है कि भारत में ऑपरेट करने वाले एक्सचेंजों को रिपोर्टिंग संस्थाओं के रूप में रजिस्टर होना चाहिए और इनकम टैक्स (Income Tax) फाइल करने की जरूरतों का पालन होना चाहिए।
भारत में Crypto Holdings और Transfers पर टैक्स
भारत की ओर से बैन किए गए अन्य एक्सचेंजों में Bitgate, Huobi, Gate.io, OKEx, Kraken और MEXC भी शामिल हैं। इस कदम को साल 2022 में डिजिटल परिसंपत्ति आय पर टैक्स लगाने के बाद भारतीय कानूनों के अनुपालन को बढ़ाने की कोशिश के रूप में देखा जाता है। भारतीय कानून में क्रिप्टो होल्डिंग्स और ट्रांसफर पर 30 फीसदी टैक्स के साथ-साथ हर किसी के लिए स्रोत पर एक फीसदी टैक्स चुकानी होती है। ऑफशोर एक्सचेंजों (Offshore Exchanges) पर कार्रवाई का मकसद एक समान अवसर तैयार करना है। भारत की इस पहल के जवाब में बिनेंस साउथ एशिया ने मौजूदा उपयोगकर्ताओं को आश्वस्त किया कि वे प्रभावित नहीं होंगे और स्थानीय नियमों का पालन करेंगे।
Play Store पर भी हो सकती है ऐसी ही कार्रवाई
भारत में Apple ने अपने ऐप स्टोर से तीन ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंजों को हटा दिया है और ऐसे कयास हैं कि गूगल के प्ले स्टोर पर भी इसी तरह की कार्रवाई हो सकती है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय इस बात पर जोर देता है कि भारत में ऑफशोर और ऑनशोर वर्चुअल डिजिटल एसेट (Onshore Virtual Digital Asset) सेवा प्रदाताओं दोनों को वित्तीय खुफिया इकाई-भारत (एफआईयू) के साथ रजिस्टर होना चाहिए। साथ ही धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 का अनुपालन करना चाहिए, जिसमें विस्तृत KYC जानकारी और रिकॉर्ड बनाए रखना शामिल है।