Vicco के चेयरमैन यशवंत पेंढरकर का निधन, 85 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस

Yashwant Pendharkar Passed Away : कारोबार जगत से शोक की खबर सामने आ रही है, जहां आज विको लेबोरेटरीज के चेयरमैन का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। बता दें विको को आयुर्वेदिक उत्पादों का दूसरा पर्याय बनाने वाले, विज्ञापनों की मदद से विको के प्रोडक्ट्स को घर-घर पहुंचाने वाले यशवंत पेंढरकर (Yashwant Pendharkar) बढ़ती उम्र की समस्याओं से ग्रस्त थे, वहीं नागपुर के सिविल लाइन स्थित उनके निज आवास पर ही उन्होंने अंतिम सांस ली।

वहीं उनका अंतिम संस्कार नागपुर के ही आमबाजारी घाट पर हुआ है, यशवंत पेंढरकर के पीछे उनकी पत्नी शुभदा, बेटे अजय और दीप, बेटी दीप्ति के अलावा कई ग्रांड चिल्ड्रन और रिश्तेदार शोक में हैं।

यशवंत पेंढरकर ने ऐसे खड़ा किया था बिजनेस

यशवंत पेंढरकर (Yashwant Pendharkar) ने एलएलबी की पढ़ाई की थी, जहां उसके बाद उन्होंने विको लेबोरेटीज में काम करना शुरू कर दिया। इसके साथ ही उन दिनों भारत में उत्पादन इत्यादि को लेकर काफी सख्ती बरती जाती थी, यह इंस्पेक्टर राज का दौर था। वहीं तब विको की एक्साइज डिपार्टमेंट से करीब 30 साल लंबी कानूनी लड़ाई चली उस समय यशवंत पेंढरकर की कानून की पढ़ाई कंपनी के बहुत काम आई, जहां उन्हें 1978 में जाकर यह जीत हासिल हुई।

बता दें विको की शुरुआत भले मुंबई में हुई लेकिन इसका नागपुर से गहरा नाता रहा। आज भी इसकी एक फैक्टरी नागपुर में है, नागपुर में यशवंत पेंढरकर और उनका परिवार ही इस बिजनेस को देखता है।

इस चीज के थे शौकीन

यशवंत पेंढरकर के भतीजे देवेश उनके बारे में एक अनोखी बात बताते हैं, जहां पूरे परिवार में यशवंत पेंढरकर ही थे, जिन्हें सबसे अधिक मसाले वाला खाना पसंद आता था। इसके साथ ही वह तीखा खाने के इतने शौकीन थे कि खाने के साथ हमेशा कच्ची हरी मिर्च खाया करते थे।

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